डिजिटल मार्केटिंग क्या हैं ?

September 8, 2025 6 min Read
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आज के इस डिजिटल युग में हर चीज़ की मार्केटिंग का तरीका बदल चूका हैं। फिर चाहे वो प्रोडक्ट हो या सेवाएं। डिजिटल मार्केटिंग एक नया तरीका हो चूका हैं जिससे काफी सारी इंडस्ट्रीज़ काम में ले रही हैं। रिपोर्ट्स की माने तो वर्ष २०२५ के अंत तक $७६५ बिलियन अलग अलग कंपनिया डिजिटल मार्केटिंग पर खर्चा करने वाली हैं। इसमें अलग अलग भाग जैसे कि SEO, कंटेंट और आदि शामिल हैं।  लेकिन डिजिटल मार्केटिंग असल में क्या होता हैं, यह जानने के लिए आपको यह ब्लॉग पढ़ना पड़ेगा।  

विषयसूची

डिजिटल मार्केटिंग का मतलब क्या होता हैं? 

डिजिटल मार्केटिंग में डिजिटल चैनल्स का प्रयोग किया जाता हैं, ब्रांड की पहुँच बढ़ाने के लिए।  इससे आपकी वेबसाइट पर ज़्यादा ट्रैफिक, ज़्यादा मार्केटिंग गोल्स। डिजिटल मार्केटर्स ब्रांड प्रोमोशन के लिए ज़्यादा से ज़्यादा कस्टमर्स के साथ इंटरनेट के माध्यम से जुड़ते हैं। इसमें अलग अलग चैनल्स शामिल हैं।  

  • सर्च इंजन
  • वेबसाइटें
  • सोशल मीडिया
  • ईमेल
  • मोबाइल ऐप्स
  • टेक्स्ट मैसेजिंग
  • वेब-आधारित विज्ञापन

डिजिटल मार्केटिंग की बेसिक्स पुराने मार्केटिंग से ही मिलती हैं। इसमें भी मार्केटर्स ग्राहक के डेटा को खोझकर उन्हें सही मेसेज प्रदान करना ही लक्ष्य होता हैं।  

लेकिन उससे पहले आपको यह निर्धारित करना होगा कि क्या आपका बिज़नेस B2B मॉडल पर काम करता हैं या फिर B2C। B2B यानि कि बिज़नेस टू बिज़नेस  जिसमे एक व्यवसाय दूसरे को सेवाएं या सामान बेचता हैं। वहीं B2C बिज़नेस टू कस्टमर्स जिसमे कंपनिया सीधे ग्राहकों को समान बेचती हैं।  

बिज़नेस के लिए डिजिटल मार्केटिंग क्यों ज़रूरी हैं ?

१. अपने सही ग्राहक तक पहुंचना 

हर कोई आपका प्रोडक्ट या सर्विस खरदीना नहीं चाहता। यह सत्य हैं। लेकिन जिन ग्राहकों को आपकी ज़रूरत हैं उन तक आप डिजिटल मार्केटिंग के ज़रिये पहुँच सकते हैं। आप इसके लिए सोशल मेदिअय मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग या Google एड्स यूज़ कर सकते हैं।  यह सब मार्केटिंग की चीज़े आप जगह, इंटरेस्ट, और नेटवर्क के व्यवहार के अनुसार बदलते रहते हैं। यह सब चीज़े आपको बनाने से पहले अपने ग्राहकों की मार्केट स्टडी करनी होगी।  

२. बड़ी कंपनियों की मार्केटिंग को चुनौती देना

अगर आप छोटे व्यवसाय चलाते हैं, तो बड़े ब्रांड्स के साथ कम्पीटिशन करना आपके लिए मुश्किल होगा। लेकिन डिजिटल मार्केटिंग के वजह से आपका यह काम भी आसान हो सकते हैं। इसमें आपको मिलियन डॉलर खर्च करने की ज़रूरत नहीं।

सही डिजिटल मार्केटिंग कैंपेन्स लॉन्च कर के आपका छोटा बिज़नेस, बड़े प्लेयर्स को कड़ी टक्कर दे सकता हैं। लेकिन उसके लिए आपको टॉप क्वालिटी कंटेंट लिखना होगा जो सर्च इंजिनों के लिए उपयोगी हो। साथ ही आपका वेब होस्टिंग सर्वर भी अच्छा होना चाहिए जिससे आप अपने ग्राहकों तक तेज़ गति से पहुँच सकते हैं।  

३. नतीजों को आसान हैं ट्रैक करना 

डिजिटल मार्केटिंग के ज़रिये आप अपने सभी कैम्पेन्स की परफॉर्मेंस ट्रैक कर सकते हैं। आप यह जान सकते हैं कि एक पोस्ट को कितने लोगो ने देखा, क्लीक किया और आगे शेयर किया।  ज़्यादा ऑफलाइन मार्केटिंग के मुकाबले, डिजिटल मार्केटर अपनी मेहनत का सही रिज़ल्ट देख सकते हैं। अगर आप न्यूज़पेपर या टीवी में एड चलाएंगे तो न जाने कितने लोग इसे इग्नोर करते हैं। जिस वजह से सेल्स में बढ़ोतरी नहीं होती।

४. कन्वर्जन रेट और लिड्स में बढ़ोतरी 

ऑनलाइन मार्केटिंग के ज़रिये सेल्स और लिड्स जल्दी मिलते हैं। इससे आपका कीमती वक़्त भी बचता हैं और किफायती लिड्स मिलने की वजह से कन्वर्जन रेट भी अधिक होता हैं। डिजिटल मार्केटिंग में आप स्पेसिफिक ऑडियंस तक आसानी से पहुँच सकते हैं। साथ ही आप अपने बिज़नेस को क्वालिटी लिड्स से जोड़ भी सकते हैं जिससे कन्वर्जन रेट बढ़ेगा।

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार 

डिजिटल मार्केटिंग के कई प्रकार होते हैं। आइए विस्तार से कुछ कैटेगरीज़ को जानते हैं।  

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१. कंटेंट मार्केटिंग 

कंटेंट लिखना और बनाना एक बात हैं लेकिन उसे आगे अपने ग्राहकों को बेचना दूसरी बात। हर कंटेंट को मार्किट करना काफी ज़्यादा ज़रूरी हैं जिससे आपके ब्रांड की पहचान बनती हैं।  इससे हर यूज़र ग्राहक में बदलने के लिए मजबूर होता हैं। आप कंटेंट मार्केटिंग के लिए ब्लॉग्स, ई-बुक्स, डिजिटल वीडियोस, पॉडकास्ट और आदि शामिल हैं।

२. ईमेल मार्केटिंग 

कंटेंट मार्केटिंग का ही एक पार्ट लेकिन इसमें सिर्फ ईमेल के ज़रिये आप अपनी ब्रांडिंग कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार यह सबसे किफायती कंटेंट मार्केटिंग का तरीका हैं जिससे यूज़र्स ग्राहक में बदल जाते हैं। लेकिन इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती हैं इम्पोर्टेन्ट ईमेल सब्सक्राइबर्स। उनको आप रेगुलरली ईमेल भेजेंगे तभी आपकी ब्रांड की पहचान बनेगी।  

३. पे पर क्लिक (पीपीसी) भुगतान 

प्रति क्लिक भुगतान, भुगतान किए गए विज्ञापनों और प्रचारित सर्च इंजन परिणामों को संदर्भित करता है। यह डिजिटल मार्केटिंग का एक अल्पकालिक रूप है, जिसका अर्थ है कि एक बार जब आप भुगतान करना बंद कर देते हैं, तो विज्ञापन मौजूद नहीं रहता। एसईओ की तरह, पीपीसी भी किसी ऑनलाइन व्यवसाय के लिए खोज ट्रैफ़िक बढ़ाने का एक तरीका है।

पे पर क्लिक भुगतान, खोज परिणाम पेज के शीर्ष और किनारों पर दिखाई देने वाले विज्ञापनों, वेब ब्राउज़ करते समय, YouTube वीडियो देखते समय और मोबाइल ऐप का उपयोग करते समय, को संदर्भित कर सकता है।

४. सोशल मीडिया मार्केटिंग

इसमें वह सब कुछ शामिल है जो कोई व्यवसाय सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से करता है। लगभग हर कोई सोशल मीडिया से परिचित है, लेकिन मार्केटर्स को सोशल मीडिया को एक एकीकृत और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। सोशल मीडिया मार्केटिंग केवल सोशल चैनलों के लिए पोस्ट बनाने और टिप्पणियों का जवाब देने से कहीं आगे तक जाती है।

प्रभावी होने के लिए, प्रयासों को समन्वित और सुसंगत होना चाहिए, न कि बाद में सोचा गया। पोस्ट को सुसंगत बनाए रखने में मदद के लिए, सोशल मीडिया पोस्ट को स्वचालित और शेड्यूल करने के लिए कई ऑनलाइन टूल उपलब्ध हैं, हालाँकि मार्केटर्स को ऑटोमेशन का उपयोग केवल एक टूल के रूप में करना चाहिए, न कि “इसे सेट करें और भूल जाएँ” समाधान के रूप में। यदि पोस्ट के पीछे कोई वास्तविक व्यक्ति नहीं है, तो यूज़र्स जल्दी समझ जाएँगे।

निष्कर्ष

डिजिटल मार्केटिंग आज के समय का सबसे प्रभावी तरीका है जिससे व्यवसाय अपने ग्राहकों तक ऑनलाइन पहुँच बना सकते हैं। यह न केवल कम लागत में ज़्यादा ऑडियंस तक पहुँचने का अवसर देता है, बल्कि डेटा-ड्रिवन रिज़ल्ट्स से आपके बिज़नेस ग्रोथ को भी तेज़ करता है।

आख़िरकार, चाहे आप एक बड़ा ब्रांड चलाते हों या छोटा स्टार्टअप, डिजिटल मार्केटिंग आपको मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद करता है। सही रणनीति और टूल्स के इस्तेमाल से आप अपने बिज़नेस को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं।

FAQs

१. डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिश्नल मार्केटिंग में क्या अंतर है?

डिजिटल मार्केटिंग ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स के ज़रिए ग्राहकों तक पहुँचता है, जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग टीवी, रेडियो और प्रिंट मीडिया जैसे ऑफलाइन माध्यमों का उपयोग करता है। डिजिटल मार्केटिंग अधिक किफायती और टारगेटेड होती है।

२. डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख प्रकार कौन से हैं?

डिजिटल मार्केटिंग में SEO, सोशल मीडिया मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग और PPC एड्स शामिल हैं। हर प्रकार का अपना अलग उद्देश्य और लाभ होता है।

३. क्या डिजिटल मार्केटिंग छोटे बिज़नेस के लिए भी फ़ायदेमंद है?

हाँ, डिजिटल मार्केटिंग छोटे व्यवसायों के लिए बेहद उपयोगी है क्योंकि यह कम बजट में भी ब्रांड की पहचान और बिक्री बढ़ाने में मदद करता है। इससे छोटे बिज़नेस बड़े ब्रांड्स से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।

४. क्या बिना किसी कोर्स के डिजिटल मार्केटिंग सीखा जा सकता है?

हाँ, डिजिटल मार्केटिंग आप ऑनलाइन रिसोर्सेज, ट्यूटोरियल्स और प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स से भी सीख सकते हैं। हालाँकि, किसी प्रोफेशनल कोर्स से इसे और स्ट्रक्चर्ड तरीके से समझना आसान हो जाता है।

The Author

मै एक अनुभवी कंटेंट राइटर हूँ जो पिछले कुछ वर्षों से MilesWeb के साथ काम कर रहा हूँ। मै विभिन्न प्रकार की कंटेंट लिखने में माहिर हूँ, जिसमें ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट कॉपी, और सोशल मीडिया भी शामिल है।