आप इंटरनेट के ज़रिये ई-मेल कई बार भेजे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ई-मेल क्या होता हैं? आज की इस कॉर्पोरेट युग में इन्फॉर्मेशन का आदान प्रदान करने का एक सही विकल्प हैं ई-मेल। इसमें आप इंटरनेट का प्रयोग कर के कई यूज़र्स को एक साथ ढेर सारे ई-मेल भेज सकते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि ईमेल क्या हैं और इसको किस प्रकार से इस्तमाल किया जाता हैं।
विषयसूची
ईमेल का इतिहास
ईमेल सेवाओं की कहानी शुरू होती हैं ७० के दशक में जब रे टॉमलिंसन ने ईमेल सेवाओं की शुरुआत १९७१ में किया गया। आपको बता दें कि यह ईमेल सेवाएं ARPANET से भी पुरानी हैं। ARPANET में आप अपने ही आप को ईमेल भेज सकते हैं। लेकिन क्या हो अगर किसी दूसरे मशीन पर ईमेल भेज सकते हैं। ARPANET का इस्तमाल कर के अलग अलग मेल यूज़र्स के साथ आप प्रोफेशनल बात चित कर सकते हैं।
ईमेल और वेबमेल में क्या फरक हैं ?
ईमेल और वेबमेल एक ऐसा ज़रिया हैं जिससे आप इलेक्ट्रॉनिक मैसेज (ईमेल) भेजते हैं। लेकिन मूल फरक दोनों में इतना हैं कि ईमेल के लिए आपको ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे कि Gmail या फिर Rediffmail का इस्तमाल करते हैं। दूसरी ओर Outlook या बाकी डेडिकेटेड ईमेल सॉफ्टवेयर का इस्तमाल होता हैं। वेबमेल में आपको डेटा की सुरक्षा अधिक मिलती हैं।
ईमेल के कितने प्रकार होते हैं ?
– न्यूज़लेटर
यह एक प्रकार का ईमेल जिसमे कोई व्यक्ति या कंपनी एक यूज़र को अपने बारे में प्रचार करने की मंशा से ईमेल भेजती हैं। इस वजह से काफी सारे प्रोडक्ट प्रोमोशन, अपडेट्स, या मार्केटिंग कंटेंट। इसमें किसी भी प्रकार का प्रचार जैसे कि किसी भी इवेंट्स, सेमिनार्स, और वेबिनर्स किसी संस्था का होता हैं।
– ऑनबोर्डिंग इमेल्स
इस प्रकार के बिज़नेस ईमेल यूज़र्स ब्रांड यूज़र्स को उसे सब्स्क्राइब करने के बाद ईमेल भेजते हैं। इसमें उदाहरण के तौर पर क्लाइंट एरिया शामिल हैं।
– ट्रांसेक्शनल
यह जो ईमेल होते हैं इसमें इनवॉइस शामिल होते हैं। अगर आप हाल ही में कोई ट्रांसेक्शन किये होंगे तो उसकी जानकारी शामिल होते हैं। और जो ट्रांसेक्शन सफल नहीं होते वो अमाउंट रिवर्ट होगा उसका भी ईमेल मौजूद होता हैं।
ईमेल सर्विसेस के फायदे
ईमेल सेवाएं का इस्तमाल करने का यह कुछ फायदा हैं।
– आसान और तेज़
ईमेल को कम्पोज़ करना काफी ज़्यादा आसान हैं। साथ ही यह एक तेज़ तरीका हैं कम्युनिकेट करने का। एक छोटा सा ईमेल लिखे और एक ही क्लिक में आप जिससे संवाद करना चाहते हैं वो हो जाएगा।
– सिक्योर
ईमेल सेवाएं काफी ज़्यादा सिक्योर और भरोसेमंद तरीका हैं इन्फॉर्मेशन लेना और देने का। इस फीचर की वजह से ज़्यादा सिक्योरिटी मिलती हैं जिससे मैलीशियस कंटेंट दूर रहता हैं।
– मास सेंडिंग
ईमेल के ज़रिये मैसेज भेजना कई सारे लोगो को एक साथ आसान हैं। अगर कंपनी कोई हॉलिडे की जानकारी को एम्प्लॉयीज तक पहुंचाना ईमेल के ज़रिये काफी ज़्यादा आसान हैं।
– मल्टीमीडिया ईमेल
ईमेल में आप कई प्रकार के फाइल्स, डाक्यूमेंट्स, इमेजेस, ऑडियो फाइल्स, वीडियो, और काफी अलग प्रकार के फाइल्स इस्तमाल करते हैं। इन सभी की जाइज़ बढ़ी होने की वजह से आप इन्हे कम्प्रेस कर के ईमेल में अटैच कर सकते हैं।
अंत में कहा जाए तो ई-मेल आज के डिजिटल युग में सबसे ज़रूरी संचार साधनों में से एक बन चुका है। चाहे व्यक्तिगत काम हो, व्यापारिक ज़रूरतें हों या शिक्षा से जुड़ी जानकारी, ई-मेल तेज़, आसान और भरोसेमंद तरीका प्रदान करता है। ई-मेल क्या है और यह कैसे काम करता है, इसे समझने से हम इसे और सुरक्षित तथा प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
तकनीक में लगातार बदलाव होने के बावजूद ई-मेल की अहमियत बनी हुई है। इसकी औपचारिक शैली, व्यापक स्वीकार्यता और हर किसी तक पहुँचने की क्षमता इसे आज भी प्रासंगिक बनाती है। अगर हम इसके सही उपयोग और कुछ जरूरी बातों को अपनाएँ, तो ई-मेल हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में एक महत्वपूर्ण साधन बना रहेगा।
FAQs
१. ई-मेल address और Gmail ID में क्या अंतर है?
उत्तर: ई-मेल address एक सामान्य ईमेल पहचान है, जबकि Gmail ID केवल Google की ईमेल सेवा से जुड़ी होती है।
२. ई-मेल कैसे बनाते हैं?
किसी ईमेल सेवा प्रदाता (जैसे Gmail, Yahoo, Outlook) पर अकाउंट बनाकर ईमेल तैयार किया जाता है।
३. ई-मेल कैसे भेजते हैं और प्राप्त करते हैं?
ईमेल भेजने और पाने के लिए इंटरनेट से जुड़े ईमेल अकाउंट का उपयोग किया जाता है।
४. क्या बिना इंटरनेट के ईमेल भेज सकते हैं?
नहीं, ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए इंटरनेट ज़रूरी है।