क्या आपने कभी Amazon Alexa का इस्तमाल किया हैं ? अगर हाँ तो आप यह जानते ही होंगे कि उसके पास Google की तरह हर सवाल का जवाब मौजूद हैं। लेकिन एक छोटे से डिवाइस में इतने ज़्यादा जवाब कैसे मुमकिन हो सकता हैं ? यह कमाल हैं Voice Search Optimization का। US और UK जैसे विकसित देशों में २८% इंटरनेट यूज़र्स Voice Search का इस्तमाल करना चाहते हैं। अगर आपके पास भी कंटेंट हैं जिसे आप Voice Search के लिए ऑप्टिमाइज़ करना चाहते हैं तो यह रहा आपके लिए सही ब्लॉग। इस ब्लॉग में हम पढ़ेंगे कि Voice Search Optimization कैसे करें?
विषयसूची
Voice Search Optimization क्या होता हैं ?
वॉइस सर्च ऑप्टिमाइज़ेशन आपकी ऑनलाइन उपस्थिति को बेहतर बनाने की प्रक्रिया है ताकि आप वॉइस सर्च क्वेरीज़ के लिए दिखाई दें। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि जब उपयोगकर्ता वॉइस सर्च करें तो वॉइस असिस्टेंट द्वारा आपको चुना जाए या ज़ोर से पढ़ा जाए। इन डिजिटल असिस्टेंट में गूगल असिस्टेंट, एप्पल का सिरी, माइक्रोसॉफ्ट का कॉर्टाना और अमेज़न का एलेक्सा शामिल हैं।
Voice Search Optimization करने के टिप्स
१. लौंग टेल कीवर्ड्स का इस्तमाल
वैसे तो SEO के नज़र से देखा जाए तो यह काफी कम प्रायोरिटी देने वाला टास्क हैं। लेकिन आज हम लिखे हुए कंटेंट के बारे में नहीं बल्कि voice search के बारे में हैं। इंसान होने के नाते हम सभी बढे शब्दों या वाक्यों का इस्तमाल करते हैं। जैसे कि “best Italian restaurant Mumbai की जगह What’s the best Italian restaurant in Mumbai बोलेगा। इसलिए आपको अपना कंटेंट उस हिसाब से तैयार करना हैं।
२. पोज़िशन ज़ीरो प्राप्त करने का लक्ष्य रखें
फ़ीचर्ड स्निपेट, या ” पोज़िशन ज़ीरो”, खोज परिणामों में सबसे ऊपर दिए गए छोटे उत्तर बॉक्स होते हैं। ये वॉइस सर्च के लिए बेहद ज़रूरी हैं, क्योंकि ये वर्चुअल असिस्टेंट के लिए सीधे उत्तर प्रदान करते हैं।
फ़ीचर्ड स्निपेट प्राप्त करने की संभावना बढ़ाने के लिए, अपने क्षेत्र के सामान्य प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर दें। आसानी से पढ़ने के लिए बुलेट पॉइंट, क्रमांकित सूचियाँ, या छोटे पैराग्राफ (४०-५० शब्द) का उपयोग करें।
३. लोकल SEO पर ध्यान दें
वॉइस सर्च के लिए आपको एक बात का ध्यान रखना हैं कि लोकल लोकेशन ही आपके कंटेंट में मौजूद हो। इस ट्रैफ़िक का फ़ायदा उठाने के लिए, व्यवसायों को स्थानीय SEO पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सबसे पहले, अपनी Google Business Profile का दावा करें और उसे बेहतर बनाएँ। सुनिश्चित करें कि आपके व्यवसाय का नाम, पता, फ़ोन नंबर, खुलने का समय और अन्य विवरण सटीक हों।
संतुष्ट ग्राहकों को समीक्षाएं लिखने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि ये वॉइस सर्च परिणामों में दिखाई दे सकती हैं। साथ ही, अपनी वेबसाइट पर स्थानीय कीवर्ड का इस्तेमाल करें और “[शहर] में सर्वश्रेष्ठ [उत्पाद/सेवा]” जैसे वाक्यांशों वाले विशिष्ट पेज या पोस्ट बनाएँ।
४. वेबसाइट की स्पीड बढ़ाये
आपको यह चेक करना होगा कि आपकी वेबसाइट की स्पीड ज़्यादा हों। स्लो वेबसाइट्स वॉइस सर्च में आपको दिक्कत दे सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी वेबसाइट एक अच्छे वेब होस्टिंग सर्वर पर होस्ट करनी होगी जिससे स्पीड में कोई दिक्कत ना आये। साथ ही कुछ टूल्स जैसे कि Google’s PageSpeed Insights और GTmetrix पर अपना पेज लोडिंग स्पीड चेक करने के बाद ही उसे लाइव करें।
५. स्ट्रक्चर्ड डेटा लागू करें
स्ट्रक्चर्ड डेटा, या स्कीमा मार्कअप, वह कोड है जो सर्च इंजनों को आपकी वेबसाइट को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है। यह अतिरिक्त जानकारी वॉइस सर्च में रैंकिंग और विशेष खोज परिणामों में प्रदर्शित होने की आपकी संभावनाओं को बढ़ा सकती है।
यदि आप किसी स्थानीय व्यवसाय के मालिक हैं, तो विशिष्ट स्कीमा प्रकारों जैसे कि स्थानीय व्यवसाय, रेस्टोरेंट और उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करें। ये स्कीमा आपको अपने व्यवसाय के घंटे, पता, मेनू आइटम और ग्राहक समीक्षाओं जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने की सुविधा देती हैं।
अंत में, यह स्पष्ट है कि वॉइस सर्च ऑप्टिमाइज़ेशन अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन गया है। जिस गति से लोग वॉइस कमांड का उपयोग कर रहे हैं, उसे देखते हुए, अपनी डिजिटल रणनीति में इसे शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपकी वेबसाइट की दृश्यता (visibility) को बढ़ाता है, बल्कि यह उपयोगकर्ताओं के लिए एक बेहतर और अधिक सुविधाजनक अनुभव भी प्रदान करता है। वॉइस सर्च के लिए अपनी सामग्री को अनुकूलित करने का अर्थ है, उपयोगकर्ता के इरादे को गहराई से समझना और उन्हें सीधे, सटीक और त्वरित उत्तर प्रदान करना।
FAQs
१. Voice Search Optimization क्यों ज़रूरी है?
वॉइस सर्च ऑप्टिमाइज़ेशन ज़रूरी है क्योंकि यह आपकी वेबसाइट को उन लोगों तक पहुँचाने में मदद करता है जो बोलकर जानकारी खोजते हैं, जिससे आपकी ऑनलाइन पहुँच और ग्राहकों की संख्या बढ़ती है।
२. Voice Search Optimization और Normal SEO में क्या फर्क है?
Normal SEO (सामान्य एसईओ) मुख्य रूप से लिखित (text) खोजों के लिए कीवर्ड्स और वाक्यांशों पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि वॉइस सर्च ऑप्टिमाइज़ेशन बोलचाल (conversational) की भाषा, लंबे वाक्यों (long-tail keywords) और प्रश्नों पर केंद्रित होता है।
३. Voice Search Optimization के लिए कौन-कौन से tools useful हैं?
इसके लिए आप Google Analytics, Google Search Console, और AnswerThePublic जैसे टूल्स का उपयोग कर सकते हैं ताकि यह पता चल सके कि लोग क्या प्रश्न पूछ रहे हैं और किन विषयों में उनकी रुचि है।
४. Voice Search Optimization का SEO ranking पर क्या effect होता है?
Voice Search Optimization सीधे तौर पर आपकी SEO रैंकिंग को बेहतर बना सकता है, क्योंकि यह गूगल के एल्गोरिदम को आपकी कंटेंट को अधिक प्रासंगिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल समझने में मदद करता है, जिससे आपकी वेबसाइट खोज परिणामों में ऊपर दिखाई दे सकती है।