गूगल एनालिटिक्स क्या है और यह कैसे काम करता है?

Updated on July 11, 2025 7 min Read
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Google Analytics एक ऐसा टूल हैं जिसमे आप वेबसाइट के प्रदर्शन और अपने मार्केटिंग कैंपेन की सफलता नाप सकते हैं। इस टूल के ज़रिये आपको बुनियादी आंकड़े मिल जाते हैं जिससे आपको विश्लेषण करने में और आसानी होती हैं। गूगल एनालिटिक्स प्लेटफार्म गूगल सर्च इंजिन का हिस्सा हैं जो कई सारे व्यवसाय और कंपनिया इस्तमाल करते हैं।   

गूगल एनालिटिक्स के ज़रिये आप अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं और विज़िटर की जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। इसमें आपकी वेबसाइट पर कौनसे माध्यमों से ट्रैफिक आ रहा हैं। साथ ही आपकी मार्केटिंग कैंपेन सफल हो रहा हैं या नहीं, या फिर यूज़र इंगेजमेंट को नाँपने के काम आता हैं। आप गूगल एनालिटिक्स का इस्तमाल कर के अपने ग्राहकों के व्यवहारों का विश्लेषण कर सकते हैं और उसी हिसाब से अपने मार्केटिंग कैंपेन्स को तैयार कर सकते हैं। इस ब्लॉग गूगल एनालिटिक्स क्या हैं और कैसे काम करता हैं, हम यह जानेंगे।

विषयसूची

गूगल एनालिटिक्स क्या हैं?

गूगल एनालिटिक्स एक वेब एनालिटिक्स टूल हैं जिसका उपयोग आप अपनी वेबसाइट या ऍप के परफॉर्मेंस को ट्रैक और विश्लेषण करने के लिए इस्तमाल कर सकते हैं। यह सभी चीज़ों का एक डिटेल्ड रिपोर्ट आप किसी से भी शेयर कर सकते हैं और इसका कोई शुल्क भी नहीं लगता। लेकिन अगर आपको और भी विस्तृत डेटा की ज़रूरत हैं तो आप गूगल एनालिटिक्स का पेड वर्ज़न इस्तमाल कर अपना मार्केटिंग की मेहनत को और भी अच्छा कर सकते हैं।

गूगल एनालिटिक्स कैसे काम करता हैं?

– ट्रैकिंग कोड का उपयोग

गूगल एनालिटिक्स का इस्तमाल सबसे पहले आप अपनी वेबसाइट पर एक ट्रैकिंग कोड ((JavaScript snippet) लगाने से होता हैं। यह कोड हर उस पेज पर होता हैं जिसे आप ट्रैक करना चाहते हैं। अगर कोई यूज़र उस पेज पर आता हैं तो यह कोड एक्टिवेट हो जाता हैं। 

यह ट्रैकिंग कोड यूज़र को ब्राउज़र से जरूरी जानकारियां जैसे कि IP एड्रेस, डिवाइस टाइप, पेज URL और विज़िट टाइम को इकठ्ठा करता हैं। ये डेटा तुरंत Google के सर्वर पर भेजा जाता हैं। लेकिन डरिये मत, इस कोड को लगाने से  आपके विज़िटर को कोई भी दिक्कत नहीं आती।  लेकिन अगर यह कोड मिसिंग हुआ आपकी पेज से तो कोई भी डेटा रिकॉर्ड करना मुश्किल होगा।

– यूज़र डेटा लाइब्रेरी

गूगल एनालिटिक्स आपके हर विज़िटर का डेटा कलेक्ट करता हैं। इसमें अहम जानकारिया जैसे कि लोकेशन, डिवाइस, ब्राउज़र, ऑपरेटिंग सिस्टम, नेटवर्क और कौनसे वेबपेज देखे गए हैं यह सब शामिल हैं। गूगल एनालिटिक्स यह भी नोट करता हैं कि विज़िटर कितनी देर वेबसाइट पर रुका, किन पेजों को स्क्रोल किया और कितनी लिंक्स पर क्लीक कर कन्वर्ट हुआ।  

यह सारी जानकारियां बहुत ही डिटेल में रिकॉर्ड होती हैं। इन जानकारियों से वेबसाइट ओनर को पता चलता है कि यूज़र की नीयत क्या थी, वह क्या ढूंढ रहा था और किस पॉइंट पर उसने वेबसाइट छोड़ी। इससे UX और कंटेंट को बेहतर किया जा सकता है।

– कुकीज़ का इस्तेमाल

गूगल एनालिटिक्स कुकीज़ की मदद से अलग अलग यूज़र्स को पहचानता हैं। कुकीज़ छोटे टेक्स्ट फाइल्स होते हैं जो यूज़र के ब्राउज़र में सेव होता हैं। Google Analytics (GA) कुकीज की मदद से अलग-अलग यूज़र्स को पहचानता है। कुकीज छोटे टेक्स्ट फाइल्स होते हैं जो यूज़र के ब्राउज़र में सेव हो जाते हैं। इनसे यह पता चलता है कि विज़िटर पहली बार आया है या रिपीट यूज़र है।

जब वही यूज़र दोबारा वेबसाइट खोलता है, तो GA कुकीज़ को पढ़कर उसे एक ही यूज़र के रूप में पहचान लेता है। इससे returning visitors का डेटा ट्रैक किया जा सकता है। कुकीज़ से GA यह भी जानता है कि यूज़र ने पहले कौन-से पेज देखे थे और क्या उसने किसी खास एक्शन को कंप्लीट किया था। यह फीचर रीमार्केटिंग और एडवांस्ड ट्रैकिंग में भी मदद करता है।

– रियल-टाइम रिपोर्टिंग

गूगल एनालिटिक्स की वजह से आप रियाल टाइम रिपोर्टिंग और लाइव ट्रैकिंग कर सकते हैं। तो अगर कोई यूज़र वेबसाइट पर आता हैं तो यह टूल उसे रियल टाइम टैब में ट्रैफिक काउंट के रूप में दिखता हैं। आप देख ही सकते हैं कि यूज़र किस लोकेशन पर हैं, कौन कौन से पेज देख रहा हैं, और कौनसी सोर्स से आ रहा हैं। 

यह खासकर लाइव इवेंट्स, प्रोमोशन्स और कैंपेन मॉनिटरिंग के लिए उपयोगी हैं। रियल-टाइम रिपोर्ट्स का फायदा यह है कि आप तुरंत समझ सकते हैं कि कौन-सी एक्टिविटी काम कर रही है और कहां सुधार की ज़रूरत है। इससे मार्केटिंग के डिसीजन तेज़ और सटीक लिए जा सकते हैं।

– कन्वर्ज़न ट्रैकिंग

गूगल एनालिटिक्स के ज़रिये आप सिर्फ टोटल ट्रैफिक कॉउंट ही नहीं गईं सकते हैं बल्कि आपके विज़िटर आपकी वेबसाइट पर क्या एक्शन ले रहे हैं वो भी पता चलता हैं। जैसे कि आपके किसी विज़िटर ने प्रोडक्ट ख़रीदा या नहीं, फॉर्म भरना, वीडियो देखना और आदि भी शामिल हैं। 

आप इस टूल्स में “Goals” सेट कर सकते हैं। यह रिकॉर्ड करते हैं कि कितने यूज़र्स ने एक निर्धारित एक्शन को परफॉर्म किया। इसको आप अपने मार्केटिंग चैनेल्स की परफॉर्मेंस भी कह सकते हैं। अगर आपकी वेबसाइट एक ऑनलाइन स्टोर है, तो GA यह भी बता सकता है कि कौन-सा चैनल सबसे ज़्यादा सेल्स ला रहा है। इससे रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट का विश्लेषण करना आसान हो जाता है।

– डेटा विज़ुअलाइज़ेशन और रिपोर्ट्स

गूगल एनालिटिक्स में डेटा को पढ़ना आसान हैं। इसमें आपको मिलेंगे तमाम तरीके के टेबल्स, चार्ट्स, ग्राफ्स और आप यह जान सकते हैं कि कौनसा भाग आपकी वेबसाइट का अच्छे से काम कर रहा हैं, और कहाँ ज़्यादा काम करने की ज़रूरत हैं। 

इस टूल में आप कस्टम डैशबोर्ड भी बना सकते हैं जो आपकी ख़ास ज़रूरतों के अनुसार डेटा दिखाता हैं। जैसे कि मोबाइल ट्रैफिक, कन्वर्जन फनेल या यूज़र बिहेवियर डेटा शामिल हैं। रिपोर्ट्स को PDF, Excel या Google Sheets में एक्सपोर्ट किया जा सकता है और टीम के साथ साझा किया जा सकता है। यह डेटा विज़ुअलाइज़ेशन बिज़नेस फैसलों के लिए बहुत मददगार साबित होता है।

निष्कर्ष

गूगल एनालिटिक्स एक शक्तिशाली टूल है जो वेबसाइट मालिकों को उनके विज़िटर्स के व्यवहार को समझने में मदद करता है। इसके माध्यम से आप जान सकते हैं कि कौन-से पेज पर लोग सबसे अधिक समय बिता रहे हैं, कौन-से सोर्स से ट्रैफिक आ रहा है और यूज़र्स वेबसाइट पर क्या गतिविधियां कर रहे हैं। यह सब जानकारियां आपके बिज़नेस की रणनीति को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं।

इस टूल की सबसे बड़ी खासियत इसकी गहराई से रिपोर्टिंग करने की क्षमता है। चाहे वह रियल-टाइम ट्रैकिंग हो या यूज़र के पूरे विज़िट पाथ का विश्लेषण, यह टूल हर जरूरी जानकारी को डिटेल में प्रेजेंट करता है। साथ ही, इसका डेटा विज़ुअल फॉर्मेट बिज़नेस टीम्स को तेज़ और सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

अगर आप अपनी वेबसाइट की परफॉर्मेंस को मापना और उसे बेहतर करना चाहते हैं, तो Google Analytics को सही तरीके से समझना और उपयोग में लाना बेहद जरूरी है। यह सिर्फ डेटा दिखाता नहीं, बल्कि आपके डिजिटल ग्रोथ का मार्गदर्शन भी करता है।

FAQs

गूगल एनालिटिक्स क्यों जरूरी है?

Google Analytics वेबसाइट की परफॉर्मेंस को मापने और यूज़र बिहेवियर को समझने के लिए एक जरूरी टूल है। यह आपको बताता है कि विज़िटर कहाँ से आ रहे हैं, क्या देख रहे हैं और कितना समय बिता रहे हैं। इससे आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं और अपने डिजिटल मार्केटिंग प्रयासों को सही दिशा दे सकते हैं।

गूगल एनालिटिक्स में कौन-कौन से डेटा ट्रैक होते हैं?

GA में पेज व्यू, बाउंस रेट, सेशन्स, यूज़र्स, लोकेशन, डिवाइस, और ट्रैफिक सोर्स ट्रैक होता है। इसके अलावा, कन्वर्ज़न, इवेंट्स (जैसे बटन क्लिक), और ऑन-साइट एक्टिविटीज भी रिकॉर्ड की जाती हैं। यह सारी जानकारी वेबसाइट की परफॉर्मेंस और यूज़र एक्सपीरियंस को बेहतर करने में मदद करती है।

GA4 क्या है?

GA4, Google Analytics का नया वर्ज़न है जो इवेंट-बेस्ड डेटा मॉडल पर काम करता है। यह यूज़र की पूरी जर्नी को वेब और ऐप दोनों पर एक साथ ट्रैक करने की क्षमता देता है। GA4 में AI आधारित insights, enhanced measurement और privacy-focused फीचर्स भी शामिल हैं।

ट्रैकिंग कोड कहां और कैसे लगाएं?

ट्रैकिंग कोड वेबसाइट के हर पेज के सेक्शन में जोड़ा जाता है। आप इसे Google Analytics अकाउंट से कॉपी करके मैन्युअली HTML में डाल सकते हैं या किसी CMS (जैसे WordPress) में प्लगइन की मदद से जोड़ सकते हैं। सही तरीके से कोड जोड़ने के बाद, Google Analytics डेटा ट्रैक करना शुरू कर देता है।

The Author

मै एक अनुभवी कंटेंट राइटर हूँ जो पिछले कुछ वर्षों से MilesWeb के साथ काम कर रहा हूँ। मै विभिन्न प्रकार की कंटेंट लिखने में माहिर हूँ, जिसमें ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट कॉपी, और सोशल मीडिया भी शामिल है।