IP एड्रेस क्या होता है और होस्टिंग से इसका क्या संबंध है?

October 14, 2025 5 min Read
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इंटरनेट की दुनिया काफी जटिल हैं और ऐसे में जितने भी डिवाइस मौजूद हैं वो आपस में इन्फॉर्मेशन का आदान प्रदान एक IP एड्रेस के ज़रिये करते हैं। लेकिन IP एड्रेस होता क्या हैं और इसके कितने प्रकार हैं, यह जानने के लिए आपको यह ब्लॉग पढ़ना होगा। इसमें हमने विस्तार से IP एड्रेस के प्रकार के बारे में, साथ ही समझेंगे कि वेब होस्टिंग सेवाओं से इसका क्या संबंध हैं।

विषयसूची

IP एड्रेस का मतलब

IP एड्रेस एक प्रकार का उयूनिक न्यूमेरिकल लेबल हैं जो हर डिवाइस को असाइन किया जाता हैं।  IP एड्रेस  के ज़रिये आप डिवाइस का लोकेशन और यूज़र की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। और यह चीज़ Internet Service Providers (ISPs) द्वारा दी जाती हैं। और इसके दो वर्ज़न्स होते हैं, एक जो ३२-bit एड्रेस और एक नया वाला १२८-bit एड्रेस का जो ज़्यादा डिवाइस हैंडल कर सकता हैं।

IP एड्रेस के प्रकार

IP एड्रेस  प्रकार अलग अलग कैटेगरी में हैं। आइए कुछ महत्वपूर्ण कैटेगरी को जानते हैं।  

१. IP वर्ज़न्स के हिसाब से

IPv4

यह सबसे कॉमन फॉर्म है IP एड्रेस का। यह दरअसल ४ नंबर के सेट (ऑक्टेट) को डॉट्स द्वारा अलग करता हैं।  192.168.1.1 यह एक IP एड्रेस उदाहरण हो सकता हैं IPv4 का।  IPv4 फॉर्मेट ४ बिलियन से भी ज़्यादा युनिक एड्रेसेस को सपोर्ट करता हैं। प्रत्येक ऑक्टेट आठ बिट्स या एक बाइट का प्रतिनिधित्व करता है, और इसका मान ० से २५५ तक हो सकता है। यह सीमा आठ बिट्स के संभावित संयोजनों (२ = २५६  कॉम्बिनेशन) से प्राप्त होती है।

– IPv6

IPv6 नए प्रकार का  IP एड्रेस हैं जिसमे संख्या ज़्यादा होती हैं और वह डिवाइस भी ज़्यादा संभालते हैं । ये ३२ के बजाय १२८ बिट्स का उपयोग करते हैं।  इस वजह से यह यह १६ बिट के आठ ब्लॉक बनाते हैं जिससे पॉसिबल एड्रेस की संख्या भी बढ़ जाती हैं।  उदाहरण: 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334 जिसमे हर ग्रुप  2001, 0db8, 85a3, etc.) १६ बिट एड्रेस को दर्शाता हैं।  

२. एड्रेसिंग स्कोप के हिसाब से

पब्लिक IP एड्रेसेस 

एक पब्लिक IP एड्रेस उस हर डिवाइस को असाइन होता हैं जो इंटरनेट का इस्तमाल करता हैं। यह एड्रेस पूरे इंटरनेट पर यूनिक होता है। यूनिकनेस और एक्सेसिबिलिटी इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं और इन्हें इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा असाइन किया जाता है। जब आप किसी ISP के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ते हैं, तो आपके डिवाइस या राउटर को एक पब्लिक IP एड्रेस प्राप्त होता है। ये पते स्थिर या गतिशील हो सकते हैं।

प्राइवेट IP एड्रेसेस

इसको आप ऐसा समझ लीजिये कि कोई भी LAN (Local Area Network) पर डिवाइस एक्सेस कर रहा हैं तो वो प्राइवेट IP एड्रेसेस में गिना जाएगा। इस मेकनिज़्म को कई सारे ऑफिस इस्तमाल करते हैं क्यूंकि गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखनी होती हैं। इसमें एक ही नेटवर्क का इस्तमाल होता हैं।  उदाहरण 172.16.x.x जैसे IP एड्रेस शामिल हैं।  

३. असाइनमेंट के हिसाब से

स्टैटिक IP एड्रेसेस

  • स्टैटिक IP एड्रेसेस किसी डिवाइस को स्थायी रूप से असाइन किए जाते हैं, जो आमतौर पर उन सर्वरों या डिवाइसों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं जिन्हें एक स्थिर पते की आवश्यकता होती है।
  • वेबसाइटों, रेग्युलर एक्सेस जैसी नियमित पहुँच की आवश्यकता वाली नेटवर्क सेवाओं के लिए विश्वसनीय।

डायनामिक IP  एड्रेसेस

  • Dynamic Host Configuration Protocol (DHCP) द्वारा उपलब्ध एड्रेसेस के कलेक्शन से टेम्परोरी रूप से असाइन किए जाते हैं।
  • प्रोवाइडर्स के लिए लागत प्रभावी और कुशल, उन उपभोक्ता उपकरणों के लिए उपयुक्त जिन्हें स्थायी पतों की आवश्यकता नहीं होती है।

अपना IP एड्रेस कैसे ढूंढे?

Windows OS पर अपना IP एड्रेस कैसे ढूंढे?

  • Start ऑप्शन पर जाए 
  • उसके बाद Settings > Network & Internet > Wi-Fi.
  • फिर,  Properties पर क्लिक करें 
  • अपना IP एड्रेस देखने के लिए निचा स्क्रॉल करें 

वही काम करने के लिए आप कमांड प्रॉम्प्ट भी इस्तमाल कर सकते हैं 

  • टाइप करें cmd सर्च बार में और कमांड प्रॉम्प्ट ओपन करें
  • उसके बाद टाइप करें ipconfig और एंटर दबाए अपना नेटवर्क डिटेल्स चेक करने के लिए 

Mac OS पर अपना अपना IP एड्रेस कैसे ढूंढे?

  • Apple मेन्यू में जाए 
  • उसके बाद System Settings > Wi-Fi > Details.
  • दूसरा तरीका हैं कि आप जाए System Preferences > Network. इधर आपको सभी IP एड्रेसेस किस लिस्ट मिलेगी।

IP एड्रेस और वेब होस्टिंग कैसे जुड़े हैं?

IP एड्रेस एक यूनिक नंबर होता है जो इंटरनेट से जुड़े हर डिवाइस को दिया जाता है — जैसे वेबसाइट, कंप्यूटर या सर्वर। इसे आप इंटरनेट पर किसी डिवाइस का “घर का पता” भी कह सकते हैं।

वेब होस्टिंग से इसका संबंध:

  • जब आप कोई वेबसाइट होस्ट करते हैं, तो वो एक सर्वर पर रखी जाती है, और उस सर्वर का एक IP एड्रेस होता है।
  • जब कोई आपके डोमेन नाम (जैसे example.com) को ब्राउज़र में टाइप करता है, तो DNS सिस्टम उस डोमेन को IP एड्रेस में बदल देता है ताकि ब्राउज़र सही सर्वर से आपकी वेबसाइट दिखा सके।
  • शेयर्ड होस्टिंग में कई वेबसाइटें एक ही IP एड्रेस साझा करती हैं, जबकि डेडिकेटेड होस्टिंग में आपकी वेबसाइट का अपना अलग IP एड्रेस होता है, जिससे सुरक्षा और परफॉर्मेंस बेहतर रहती है।
निष्कर्ष

अंत में, यह समझना ज़रूरी है कि IP एड्रेस इंटरनेट की दुनिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हर वेबसाइट, कंप्यूटर और सर्वर की पहचान बताता है, जिससे डेटा सही जगह पहुँच सके। जैसे किसी घर तक चिट्ठी पहुँचाने के लिए पता ज़रूरी होता है, वैसे ही वेबसाइट तक पहुँचने के लिए IP एड्रेस ज़रूरी होता है।

वेब होस्टिंग और IP एड्रेस का रिश्ता भी इसी पहचान पर टिका है। जब कोई यूज़र आपका डोमेन नाम डालता है, तो DNS उस नाम को IP एड्रेस में बदलकर सर्वर से आपकी वेबसाइट दिखाता है। इसलिए, सही और भरोसेमंद होस्टिंग चुनना जरूरी है ताकि आपकी वेबसाइट हमेशा ऑनलाइन रहे और विज़िटर बिना किसी दिक्कत के उस तक पहुँच सकें।

FAQs

१. IP एड्रेस कितने प्रकार के होते हैं?

IP एड्रेस दो प्रकार के होते हैं — IPv4 और IPv6, जिनसे इंटरनेट पर हर डिवाइस की पहचान होती है।

२. मुझे अपनी वेबसाइट के लिए कौन सा IP एड्रेस इस्तेमाल करना चाहिए?

अधिकतर वेबसाइटों के लिए शेयर्ड IP पर्याप्त होता है, लेकिन सुरक्षा और परफॉर्मेंस के लिए डेडिकेटेड IP बेहतर विकल्प है।

३. होस्टिंग प्रदाता (Provider) IP एड्रेस कैसे असाइन करता है?

होस्टिंग प्रदाता आपके सर्वर को अपने नेटवर्क से एक यूनिक IP एड्रेस स्वचालित रूप से असाइन करता है।

The Author

मै एक अनुभवी कंटेंट राइटर हूँ जो पिछले कुछ वर्षों से MilesWeb के साथ काम कर रहा हूँ। मै विभिन्न प्रकार की कंटेंट लिखने में माहिर हूँ, जिसमें ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट कॉपी, और सोशल मीडिया भी शामिल है।