पहली वेबसाइट AI से बनाते समय किन गलतियों से बचना चाहिए?

August 12, 2025 5 min Read
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आज की तारीख में एआई वेबसाइट बिल्डर टूल का महत्व ज़्यादा बढ़ गया हैं।  यह इसलिए भी हैं क्यूंकि काफी सारे यूज़र्स को कोडिंग का ज्ञान नहीं होता।  आप इस टूल की मदद से भी यूज़र फ्रेंडली वेबसाइट बना सकते हैं।

क्या आप एआई टूल का प्रयोग कर के एक नई वेबसाइट तैयार कर रहे हैं ? अगर हाँ तो माइल्सवेब  के एआई पॉवर्ड वेबसाइट बिल्डर का उपयोग करें। लेकिन ऐसे टूल का प्रयोग करना क्या पहली बार में सफल हो सकता हैं? शायद नहीं ! इसलिए आपको ध्यान देना होगा कुछ बातों का जो हम इस ब्लॉग में कवर करेंगे। 

विषयसूची

कॉमन एआई वेबसाइट बिल्डर को इस्तमाल करने की गलतिया

गलती १: केवल टेम्पलेट पर निर्भर रहना

एआई वेबसाइट बिल्डर में काफी सारे सुंदर और रेडी-मेड टेम्पलेट्स मौजूद होते हैं। इससे बिगिनर्स के लिए काफी मदद मिल जाती हैं। लेकिन बिना कोई भी बदलाव किये उन टेम्पलेट्स को यूज़ करना एक बढ़ी गलती हो सकती हैं। इस वजह से बाकी वेबसाइट्स और आपकी वेबसाइट में कोई भी अंतर नहीं दिखेगा।  ऐसे में ब्रांड की पहचान बनाने के लिए आपको यूनिक लेआउट और डिज़ाइन का सहारा लेना पढ़ेगा। 

हर बिज़नेस या प्रोजेक्ट की अलग ज़रूरतें होती हैं, और एक टेम्पलेट सबके लिए फिट नहीं हो सकता। इसलिए जरूरी है कि आप लेआउट, रंग, फॉन्ट्स, इमेज और कंटेंट को अपने अनुसार कस्टमाइज़ करें। इससे न सिर्फ वेबसाइट का लुक प्रोफेशनल लगेगा, बल्कि यह आपके ब्रांड के टोन और विज़न से मेल भी खाएगा। जब आप टेम्पलेट को एक बेस की तरह इस्तेमाल करते हुए उसे एडिट करते हैं, तो वही AI-सहायता आपकी वेबसाइट को भीड़ से अलग बना सकती है।

गलती २: कंटेंट का ऑटो-जेनरेटेड वर्शन बिना एडिट के इस्तेमाल करना

एआई टूल्स से आप बेहतरीन कंटेंट बना तो सकते हैं लेकिन याद रखिये की इसमें भी काफी सारे ग्रामर मिस्टेक्स होती हैं।  ऐसे में इस प्रकार के कंटेंट को सीधा वेबसाइट के लिए इस्तमाल करना सही नहीं रहेगा। ऑटो जेनरेटेड कंटेंट में कई दिक्कत होती हैं जैसे कि सेम टेक्स्ट पैटर्न का इस्तमाल  करना। अगर हर प्रकार का वेबसाइट वही इस्तमाल करेगा तो ना सिर्फ यूज़र बाउंस रेट बढ़ेगा बल्कि आपकी वेबसाइट को लोग कम देखेंगे। 

AI कंटेंट को एडिट करने से आप उसमें अपना ब्रांड टोन, लक्ष्य ऑडियंस की भाषा, और वैल्यू प्रपोज़िशन बेहतर ढंग से जोड़ सकते हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कंटेंट में तथ्यात्मक सटीकता हो और वह SEO-अनुकूल (SEO-friendly) हो। टोनलिटी, बोलचाल की शैली और स्पष्ट कॉल-टू-एक्शन जोड़ने से कंटेंट अधिक प्रभावशाली और विश्वसनीय बनता है, जिससे वेबसाइट पर अधिक एंगेजमेंट और कन्वर्ज़न संभव हो पाते हैं।

गलती ३: एसईओ सेटिंग्स को नज़रअंदाज़ करना

अगर आप एआई टूल्स से वेबसाइट बनाते हैं, तो अक्सर टेक्निकल एसईओ के कई बेसिक फीचर्स पहले से मौजूद होते हैं। इसमें शामिल हैं मेटा टाइटल, डिस्क्रिप्शन, ALT टैग्स आदि। लेकिन काफी सारे यूज़र्स होते हैं जो ऑप्टिमाइज़ सही से नहीं कर पाते। इसलिए अगर आप एआई द्वारा ऑटो जेनरेट किये गए टाइटल और डिस्क्रिप्शन को ही रहने देते हैं तो सर्च इंजिन रैंकिंग पर भी ख़ासा अच्छा असर पढ़ेगा। एआई कंटेंट में आपको लगातार एसईओ करते रहना पड़ेगा।  और एसईओ क्या हैं इस बारे में आप हमारे ब्लॉग एसईओ क्या है? २०२५ के लिए एक व्यापक गाइड पढ़ सकते हैं।  

AI वेबसाइट बिल्डर्स अब कीवर्ड सजेशन, इमेज ऑप्टिमाइजेशन, मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट, और पेज स्पीड एनालिसिस जैसे फीचर्स भी देने लगे हैं। आपको चाहिए कि इन SEO टूल्स का पूरा लाभ उठाएं, अपने टारगेट कीवर्ड्स के अनुसार कंटेंट को ट्यून करें, URL स्लग्स को छोटा व क्लियर रखें, और हर पेज की मेटा इनफॉर्मेशन को मैन्युअली सुधारें। इससे न केवल आपकी वेबसाइट Google पर विज़िबल होगी, बल्कि ऑर्गेनिक ट्रैफिक भी बढ़ेगा।

गलती ४: मोबाइल रेस्पॉन्सिवनेस चेक न करना

हर वेबसाइट जो Google जैसे सर्च इंजिन पर अच्छा रैंक कर रही हैं वो मोबाइल रिस्पॉन्सिव होती हैं। अगर आपकी वेबसाइट सिर्फ डेस्कटॉप फ्रेंडली हो तो छोटे स्क्रीन पर बिगड़ सकती हैं। इसलिए यह एक बड़ी तकनिकी और यूज़र एक्सपीरियंस की गलती हैं। एक अनरिस्पॉन्सिव वेबसाइट पर विज़िटर अधिक देर नहीं टिकते, जिससे बाउंस रेट बढ़ता है और Google जैसे सर्च इंजन आपकी साइट की रैंकिंग घटा सकते हैं।

एआई वेबसाइट बिल्डर आमतौर पर मोबाइल फ्रेंडली टेम्पलेट्स ऑफर करते हैं, लेकिन आपको हर पेज को अलग-अलग डिवाइसेस पर टेस्ट करना ज़रूरी होता है। देखें कि टेक्स्ट कट तो नहीं रहा, बटन क्लिक करने योग्य हैं या नहीं, और इमेज सही साइज में लोड हो रही हैं या नहीं। एक रेस्पॉन्सिव वेबसाइट हर डिवाइस पर अच्छा अनुभव देती है और यूज़र्स को लंबे समय तक जोड़े रखती है, जिससे आपकी साइट का प्रदर्शन और प्रोफेशनल थीम दोनों बेहतर होते हैं।

निष्कर्ष

जब आप पहली बार एआई की मदद से वेबसाइट बना रहे होते हैं, तो यह एक आसान और रोमांचक अनुभव हो सकता है। लेकिन यदि आप केवल टेम्पलेट पर निर्भर रहें, कंटेंट को बिना एडिट किए पब्लिश कर दें या SEO और मोबाइल रेस्पॉन्सिवनेस जैसे ज़रूरी पहलुओं को नज़रअंदाज़ करें, तो यह आपकी वेबसाइट की परफॉर्मेंस और यूज़र एक्सपीरियंस दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।

एआई एक शक्तिशाली टूल है, लेकिन अंतिम नियंत्रण और समझ हमेशा आपके हाथ में होती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप हर पहलू पर ध्यान दें, चाहे वह कंटेंट की गुणवत्ता हो, डिजाइन की यूनिकनेस या टेक्निकल सेटिंग्स। जब आप AI टूल्स को स्मार्टली उपयोग करते हैं और उनसे मिली आउटपुट को खुद के ब्रांड के अनुसार ट्यून करते हैं, तब जाकर एक प्रभावशाली और सफल वेबसाइट बनती है।

FAQs

क्या AI वेबसाइट पूरी तरह से मेरे मानवीय इनपुट की जगह ले सकती है?

नहीं, AI आपकी मदद कर सकता है, लेकिन वेबसाइट को ब्रांड के अनुसार ढालने के लिए मैन्युअल इनपुट और निर्णय ज़रूरी होता है।

क्या AI वेबसाइट बनाते समय मोबाइल रिस्पॉन्सिवनेस की अनदेखी करना एक गलती है?

हाँ, क्योंकि अधिकांश यूज़र्स मोबाइल से वेबसाइट ब्राउज़ करते हैं, और अनरिस्पॉन्सिव डिज़ाइन यूज़र अनुभव को खराब करता है।

क्या AI द्वारा जनरेट किया गया सारा कंटेंट हमेशा उच्च गुणवत्ता वाला और अद्वितीय होता है?

नहीं, ऑटो-जेनरेटेड कंटेंट में अक्सर दोहराव और सामान्य जानकारी होती है, जिसे एडिट और कस्टमाइज़ करना जरूरी है।

मैं अपनी AI-जनरेटेड वेबसाइट को सर्च इंजनों (जैसे Google) पर कैसे बेहतर रैंक करा सकता हूँ?

एसईओ सेटिंग्स जैसे मेटा टैग्स, कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन, मोबाइल फ्रेंडली डिज़ाइन और तेज़ लोडिंग स्पीड का सही उपयोग करें।

The Author

मै एक अनुभवी कंटेंट राइटर हूँ जो पिछले कुछ वर्षों से MilesWeb के साथ काम कर रहा हूँ। मै विभिन्न प्रकार की कंटेंट लिखने में माहिर हूँ, जिसमें ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट कॉपी, और सोशल मीडिया भी शामिल है।